Saturday, July 11, 2009

जब मैं छोटा था

जब मैं छोटा था,
शायद दुनिया बहुत बड़ी हुआ करती थी...
मुझे याद है मेरे घर से "स्कूल" तक का वो रास्ता,
क्या क्या नहीं था वहां,
छत के ठेले, जलेबी की दुकान, बर्फ के गोले, सब कुछ,

अब वहां "मोबाइल शॉप", "विडियो पार्लर" हैं, फिर भी सब सूना है....
शायद अब दुनिया सिमट रही है......


जब मैं छोटा था,
शायद शामे बहुत लम्बी हुआ करती थी....
मैं हाथ में पतंग की डोर पकडे, घंटो उडा करता था,
वो लम्बी "साइकिल रेस", वो बचपन के खेल,
वो हर शाम थक के चूर हो जाना,
अब शाम नहीं होती, दिन ढलता है और सीधे रात हो जाती है..........
शायद वक्त सिमट रहा है........

जब मैं छोटा था,
शायद दोस्ती बहुत गहरी हुआ करती थी,
दिन भर वो हुज़ोम बनाकर खेलना,
वो दोस्तों के घर का खाना, वो लड़किया, वो साथ रोना,
अब भी मेरे कई दोस्त हैं, पर दोस्ती जाने कहाँ है,
जब भी "ट्रेफिक सिग्नल" पे मिलते हैं "हाई" करते हैं,
और अपने अपने रास्ते चल देते हैं,
शायद अब रिश्ते बदल रहें हैं.....


Thursday, July 9, 2009

Song for Software Engineer

वो देखो एक software Engineer जा रहा है.
अपने प्रोजेक्ट के बोझ तले दबा जा रहा है.
वो देखो एक software Engineer जा रहा है.

ज़िन्दगी से हरा हुआ है, पर "Bug" से हार नहीं मानता,
अपने "Application" की एक - एक "Line" उसे रटी हुई है,
आज कौन से रंग का मोजा पहना हुआ है, यह नही जनता,
दिन पे दिन एक "Excel" की फाइल बनता जा रहा है.
वो देखो एक software Engineer जा रहा है.

दस हजार line के कोड में "error" दुन्ढ़ leta है,लेकिन
दोस्तों की ankho की नमी उसको देखि नही देती.
"Desktop" पे हजारो "windows" खुली है पर,
दिल की खडिकी पे कोई दस्तक सुनाही नही देती.
Saturday-Sunday को nehata नहीं, वीक्दय्स को नहा रहा है,
वो देखो एक software Engineer जा रहा है.

कोडिंग करते करते पता ही नही चला Bug की प्रिओरिटी कब माँ-बाप से high हो गयी,
किताबो में गुलाब रखने वाला, Cigrate के धुँये में खो गया है,
weekends दारू पीके के जश्न मन रहा है,
वो देखो एक software Engineer जा रहा है.
मज़े लेना हो तो इश्से तो पूछ लो
"salary Increment" की पार्टी कब दिला रहे हो
हंसी उड़ना हो तो पूछ लो,
"onsite" कब जा रहे हू?
वो देखो "onsine" से लौटे "team mate" की chocolates खा रहा है,
वो देखो एक software Engineer जा रहा है.

खर्चे बढ़ रहे है, बाल कम हो रहे है,
KRA की डेट आती नही, Income Tax के सितम हो रहे है,
लो फिर से बस छूट गयी, ऑटो से ऑफिस जा रहा है,
वो देखो एक software Engineer जा रहा है.
Pizza गले से नहीं उतरता, तो coke के सहारे निगल लिया जाता है,
ऑफिस की थाली देख मुँह है बिग्रता

माँ के हाथ का वो खाना बार बार रोज़ याद आता है
"sprout bhel" बनी है फिर भी, फ्री "evening snacks" खा रहा है,
वो देखो एक software Engineer जा रहा है.

आप ने आब तक ली होगी बहुत से chutkiyai
software enggineer के जीवन का सच बताती यह आखरी कुछ पंक्तिया,
हजारो की तन्काह वाला, कंपनी की करोरो की जेब भरता hai,
वो देखो एक software Engineer जा रहा है.

हम लोग जी जी के मरते है, ज़िन्दगी है कुछ ऐसी,
एक फौजी की नौकरी, दूसरी software engg ki, दोनों एक जैसी है,
इश कविता का हेर शब्द दिल की गेअहरई से आ रहा है,
वो देखो एक software Engineer जा रहा है

Wednesday, July 8, 2009

PATNI CHALISA

Namo-namo patni maharani,
tumhari mahima koi na jani... || 1 ||

Hamne samjha tum abla ho,
par tumto sabse badi bala ho... || 2 ||

Jis din haath me belana aawe,
Uss din PATI khub chillave.... || 3 ||

Saare bed pe PATNI sove,
PATI baith farsh par rove.... || 4 ||

Tumse hi ghar MATHURA KASI,
aur tumse hi ghar Satyanasi... . || 5 ||

PATNI CHALISA jo nar gave,
sab sukh chhod param dukh paave...... || 6 ||